क्या Internet से भी प्रदूषण होता है। Internet pollution की जानकारी हिंदी में

दोस्तों, आज सम्पूर्ण विश्व में बढ़ते जल, वायु, हवा आदि प्रदूषण से विश्व की महाशक्तियाँ परेशान है। हर तरफ़ कार्बन उत्सर्जन में कमी करने की माँग हो रही है। पर क्या आपको पता है, इन सब के बीच प्रदूषण का ऐसा मूक कारक भी है जो धीरेधीरे अपने पाँव पसार रहा। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ Internet की। हैरान हो गए ना आप। आप सोच रहे होंगेक्या Internet से भी प्रदूषण होता हैतो दोस्तों, उत्तर है हाँ और चलिए अब विस्तार से समझने की कोशिश करते है Internet pollution क्या है और कैसे होता है

क्या Internet से भी प्रदूषण होता है

 

Internet Pollution क्या है? What is Internet Pollution in Hindi

बीते कुछ वर्षों में हमारी Internet पर निर्भरता काफ़ी बढ़ गयी है। हर व्यक्ति मोबाइल, कम्प्यूटर, tablet आदि विभिन्न device के माध्यम से Internet से जुड़ा रहता है। यानी लोग online काफ़ी समय बिताना पसंद करते है। computer या mobile आधारित इतने सारे विकल्प उपलब्ध है जैसे संगीत, education, motivation, फ़िल्में आदिआदि। आप नाम लीजिए आपको हर कुछ Internet पर मिलेगा। आप अपने दोस्तों से बात करना चाहते, आप office मीटिंग करना चाहते, परिवार से सम्पर्क करना चाहते, Internet से सब आसान है। 

Internet का उपयोग करते वक्त data हमारे device और वेबसाइट या सॉफ़्टवेयर को होस्ट करने वाले सर्वर के बीच transfer किया जाता है। सर्वर मूल रूप से सिर्फ एक कंप्यूटर डिस्क होता है, जिसे अक्सर डेटा सेंटर नामक स्थान पर रखा जाता है। यहाँ हज़ारों की तादाद में ऐसे डिस्क मौजूद होते है। प्रत्येक सर्वर 24 घंटे चालू रहता है और इसे ठंडा रखने के लिए बिजली और एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है।

जितना अधिक डेटा भेजा और संग्रहीत किया जाता है,  बिजली और ऊर्जा की खपत उतनी ज़्यादा होती है। देखा जाए तो व्यक्तिगत स्तर पर यह आँकड़ा छोटा लगे पर जब दुनिया भर में अरबों लोगों को इस गणित में जोड़ा जाए जो अब इंटरनेट से जुड़े हुए हैं, तो आप खुद सोच ले संख्या कहाँ से कहाँ पहुँच जाएगी।

दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे की दुनिया भर के data इन डेटा सेंटर में स्टोर रहते है। और डेटा सेंटर को चालू रखने के लिए अत्यधिक बिजली की ज़रूरत होती है। और बिजली उत्पादन में कितनी कार्बन उत्सर्जन होती है वो तो आप भलीभाँति समझते है। साथ ही साथ एयर कंडीशनिंग के द्वारा भी green house गैस भारी मात्रा में वातावरण में उत्सर्जित होते है। 

क्या internet pollution कम किया जा सकता Can Internet pollution be reduced in Hindi

  • वैसे तो बढ़ते ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या की तरफ़ दुनिया का ध्यान पहले से ही है। शायद इसलिए Internet pollution को हल्के में नहीं लिया जा रहा। बड़ीबड़ी companies डेटा सेंटर को और बेहतर बनाने की कोशिश में लगे है जहाँ ऊर्जा की खपत वर्तमान की तुलना में बहुत काम हो।
  • इसके साथ ही ‘Green Data Centre’ का concept भी विकसित किया जा रहा जो जलवायु को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुचाएँगे।

Internet Pollution कम करने में क्या हम व्यक्तिगत योगदान कर सकते है।

  • Google सर्च को लिमिट करे। Google में किए गए हर सर्च में लगभग 0.2 gm CO2 का उत्सर्जन होता है। आप अनुमान लगा सकते की दुनिया भर में प्रतिदिन कितने सर्च किए जाते होंगे।
  • अपने Email inbox को क्लीन रखे। spam mails, unwanted mails आदि को डिलीट कर दे। ऐसे mails आपके किसी काम के नहीं होते पर उनके storage में mail सर्वर द्वारा बड़ी मात्रा में energy की खपत होती है।
  • Images को compress कर cloud में स्टोर करे।
  • Video files autoplay विकल्प को बंद रखे। कई बार विडीओ हमारे काम की नहीं होती। पर autoplay के कारण वो server से डाउनलोड होकर play हो जाते है। 

चलते चलतेक्या Internet से भी प्रदूषण होता है Hindi me 

दोस्तों, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अधिकांश लोग इंटरनेट के पर्यावरणीय प्रभाव की उपेक्षा करते हैं। कम ही लोग जानते हैं कि इंटरनेट वास्तव में कैसे काम करता है या इसका जलवायु परिवर्तन पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसलिए, मुख्य बात यह है कि जागरूक होना और उपयोग किए जाने वाले डेटा की मात्रा को समझना है। जब हम कुछ देर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तब भी हम अनजाने में ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती को जरा सा और गंभीर बना चुके होते हैं। 

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धन्यवाद!!

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